बार एसोसिएशन ने तर्क दिया हैं कि अत्यधिक कार्यभार लखनऊ बेंच में कार्यरत माननीय न्यायाधीशों पर अतिरिक्त काम का भारी बोझ है और वे अपनी क्षमता से अधिक कार्य कर रहे हैं, जिसका उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा.

OUDH BAR ASSOCIATION : हाई कोर्ट लखनऊ की बार अवध बार एसोसिएशन ने जज की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की हैं. लखनऊ पीठ में न्यायाधीशों की गंभीर कमी और बढ़ते मुकदमों के बोझ को लेकर अवध बार एसोसिएशन ने चिंता व्यक्त की है.
एसोसिएशन ने CJ को लिखा पत्र : एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश को एक विस्तृत पत्र लिखकर वर्ष 2025 में नियुक्त हुए 39 नए न्यायाधीशों में से कम से कम 15 न्यायाधीशों को लखनऊ बेंच में तत्काल नामित करने की मांग की है, ताकि वादकारियों को समय पर न्याय मिल सके. एसोसिएशन ने कहा कि न्यायाधीशों की कमी के कारण न्याय वितरण प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हो रही है और वादकारियों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है.
क्या कहती हैं एसोसिएशन : एसोसिएशन ने बताया कि वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश में विभिन्न तिथियों पर कुल 39 नए न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है, हालांकि, इन नियुक्तियों में से अब तक एक भी न्यायाधीश को लखनऊ बेंच के लिए आवंटित नहीं किया गया है. बार एसोसिएशन ने तर्क दिया हैं कि अत्यधिक कार्यभार लखनऊ बेंच में कार्यरत माननीय न्यायाधीशों पर अतिरिक्त काम का भारी बोझ है और वे अपनी क्षमता से अधिक कार्य कर रहे हैं, जिसका उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है व लंबित मामलेः न्यायाधीशों की कमी के कारण, दैनिक वाद सूचियां बहुत लंबी हो जाती हैं, जिससे मामलों की सुनवाई पूरी नहीं हो पाती है.
इसी चिंता को लेकर अवध बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर 39 नए न्यायाधीश में से 15 को तत्काल लखनऊ पीठ के लिए नामित करने की मांग की हैं.