राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह को अब तक हाईकोर्ट में तैनात सरकारी वकीलों का पूरा ब्योरा दाखिल करने का आदेश दिया है.

ALLAHABAD HIGH COURT : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार से लखनऊ पीठ में तैनात सरकारी वकीलों का ब्यौरा माँगा हैं. PIL में 2017 में दाखिल महेंद्र सिंह पवार की याचिका भी शामिल है. जिसमे सरकारी वकीलों की तैनाती में पारदर्शिता की मांग की गई है और साथ ही 1975 के लीगल रिमेम्ब्रेसर (एलआर) मैनुअल में संशोधन की गुजारिश भी की गई है. जिसकी अगली सुनवाई 22 सितम्बर को होगी.
महाधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रहे उपस्थित : सरकारी वकीलों की तैनाती में पारदर्शिता की मांग को लेकर चल रही याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए, हालांकि की मामले पर सरकार की तरफ से कहा गया नियुक्ति महाधिवक्ता की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति द्वारा की गई है.
क्या कहते हैं याचिकाकर्ता : हाईकोर्ट में दो हजार से अधिक सरकारी वकीलों की तैनाती की गई है और समिति के लिए प्रत्येक व्यक्ति की योग्यता व क्षमता का आकलन करना संभव नहीं था. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कोई स्पष्ट प्रक्रिया न होने के कारण भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिला. हालांकि की मामले पर अगली सुनवाई 22 सितम्बर को होंगी. राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह को अब तक हाईकोर्ट में तैनात सरकारी वकीलों का पूरा ब्योरा दाखिल करने का आदेश दिया है.