Talakshuda Mahila: दरअसल एक याचिका जो तलाकशुदा पत्नी की तरफ से CRPC की धारा 125 के तहत भत्ते के लिए की गयी थी, जिसमे परिवार न्यायलय ने 20 हज़ार प्रतिमाह देने का आदेश दिया, पर इसको लेकर याचिकाकर्ता की तरफ से अपील की गयी कि मुस्लिम मुस्लिम विमेन एक्ट 1986 को देखे तो तलाकशुदा पत्नी CRPC की 125 के तहत भत्ता पाने की हक़दार नहीं है, उसे मुस्लिम विमेंस एक्ट 1986 के तहत आगे बढ़ना होता है और अब इसका फैसला SC तय करेगा.
क्या था मामला: यह मामला मोहम्मद अब्दुल समद की अपील से जुड़ा है, जिसमे तेलंगाना के एक परिवार न्यायालया ने तलाकशुदा पत्नी को 20 हज़ार प्रतिमाह देने का आदेश दिया था, महिला ने CRPC की धारा 125 के तहत परिवार न्यायालय मे अपील की थी.