इस मामले पर विपक्ष का कहना है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों योग्य मतदाता मताधिकार से वंचित हो सकते हैं. हालांकि पीठ ने याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को खारिज कर दिया कि SIR का कोई कानूनी आधार नहीं है और इसे रद्द किया जाना चाहिए.

SUPREME COURT : बिहार में मतदाता सूची से हटाए गए लगभग 65 लाख मतदाताओं पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची से हटाए गए लगभग 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक किया जाए.
क्या कहा पीठ ने : अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि हटाए गए मतदाताओं की प्रिंटेड बूथ-वार सूची, उनके नाम हटाने के कारणों सहित, पंचायत और ब्लॉक विकास कार्यालयों में चस्पा की जाए, जबकि जिला-वार सूची मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध कराई जाए. पीठ का इस बारे में कहना था इससे प्रभावित लोग स्पष्टीकरण या सुधार के लिए आगे आ सकेंगे.
विपक्ष के नेताओं द्वारा दायर याचिका पर बहस : विपक्षी नेताओं द्वारा दायर याचिकाओं पर आया सुप्रीम कोर्ट का निर्देश हालांकि मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित हुई और अंतिम सूची 30 सितंबर तक आने की उम्मीद बताई जा रही है. इस मामले पर विपक्ष का कहना है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों योग्य मतदाता मताधिकार से वंचित हो सकते हैं. हालांकि पीठ ने याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को खारिज कर दिया कि SIR का कोई कानूनी आधार नहीं है और इसे रद्द किया जाना चाहिए.