सोमवार को वरिष्ठ वकीलों को उनके कानूनी परामर्श के लिए समन भेजे जाने पर गहरी चिंता जताई और कहा कि यह वकील और मुवक्किल के बीच गोपनीयता के मूल सिद्धांत पर सीधा हमला है.

SUPREME COURT: वारिष्ठ वकीलो को ED द्वारा भेजे गए समन से तूल पकड़ते मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सोमवार को वरिष्ठ वकीलों को उनके कानूनी परामर्श के लिए समन भेजे जाने पर गहरी चिंता जताई और कहा कि यह वकील और मुवक्किल के बीच गोपनीयता के मूल सिद्धांत पर सीधा हमला है.
क्या कहा CJI ने : वकीलों को इस तरह कैसे समन किया जा सकता है? यह तो गोपनीय बातचीत है और आगे कहा कि उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल्स पर यह खबर पढ़कर झटका महसूस किया.
बार एसोसिएशन ने की थी आलोचना : जिसके बाद देश की बार एसोसिएशनों की तीखी आलोचना भी ED को झेलनी पड़ी थी. जिसके बाद ही ED ने दोनों वकीलों को भेजे समन वापस ले लिए और एक सर्कुलर भी जारी किया था.
जिसके बाद ही ED ने सभी फील्ड ऑफिसर्स को निर्देश दिया कि वे वकीलों को समन न भेजें, जब तक कि कोई कानूनी अपवाद न हो.
क्या कहते है भारत के अटॉर्नी जनरल : इस संगीन हो चुके मामले पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटारमणी ने कोर्ट से कहा, मैंने ईडी से तुरंत कहा कि आपने जो किया वह गलत है और साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा, सिर्फ राय देने के लिए वकीलों को समन नहीं किया जा सकता.
हालांकि अब इस पर भी गाइडलाइन्स बनाने की चर्चा जोर शोर से पकड़ चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को तय की है.