अब युद्ध विराम के लिए टिकी निगाहेँ नाकाम साबित होती दिख रही है. इसी को लेकर महासभा में भी मानवता को देखते हुए एक प्रस्ताव पेश किया गया यह प्रस्ताव ग़ज़ा में युद्धविराम को लेकर था.

UNITED NATIONS: शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया जिसमें ग़ज़ा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम की मांग की गई. साथ ही ग़ज़ा में बंधक बनाए गए सभी लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की भी मांग की गई. कई सालो से चल रहे इस युद्ध पर अब युद्ध विराम के लिए टिकी निगाहेँ नाकाम साबित होती दिख रही है. इसी को लेकर महासभा में भी मानवता को देखते हुए एक प्रस्ताव पेश किया गया यह प्रस्ताव ग़ज़ा में युद्धविराम को लेकर था.
149 देश ने प्रस्ताव के पक्ष में किया मतदान : 193 देशों में से 149 देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया. हालांकि, भारत उन 19 देशों में से एक था जिन्होंने इस वोटिंग से दूरी बनाई. भारत के वोटिंग से दूरी बनाने पर विपक्ष अब हमलावर हो चुका है, इसी मामले को लेकर सांसद प्रियंका गाँधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी हैं.
क्या कहा सांसद प्रियंका गाँधी ने : प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “यह शर्मनाक और निराशाजनक है कि हमारी सरकार ने प्रस्ताव पर वोटिंग से अलग रहने का फैसला किया है. 60,000 लोग पहले ही मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं. वहां की पूरी आबादी को बंधक बनाकर भूख से मारा जा रहा है और हम कोई कदम उठाने से इनकार कर रहे हैं.
हालांकि अब इस्राइल और ईरान के बीच शुरू हो चुके युद्ध के बाद भारत के लिए भी एक बड़ी चुनौती होने वाली है, वोटिंग को लेकर. हालांकि वोटिंग से पहले हमने भारत ने अपना पक्ष भी रखा, भारत ने कहा हमने बार-बार नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय दायित्वों को बनाए रखने की अपील की है. हम अपील करते हैं कि ग़ज़ा के लोगों तक सुरक्षित, लगातार और समय पर मानवीय मदद पहुंचाई जाए.