ईरान और इस्त्राइल के बीच शुरू हुई जंग ने विश्व को नई बहस की ओर ढकेल दिया हैं. इसी को लेकर विश्व के कई जानकारों का कहना हैं कि अगर इस युद्ध को नहीं रोका गया तो इसकी जद में और भी कई देश आएंगे और भुखमरी जैसी समस्या देखने को मिल सकती है और इससे विश्व युद्ध होने का खतरा भी बढ़ सकता हैं.

IRAN VS ISRAEL : इस्त्राइल के ईरान पर हमले के साथ शुरू हुई अब ये जंग धीरे-धीरे विकराल रूप लेती दिखाई दें रही है. अब इस जंग का पूरे मिडिल ईस्ट में बढ़ने का खतरा भी दिखने लगा है. हालांकि अरब के कई देशों के साथ विश्व की ताकतों ने शान्तिपूर्ण मामले को हल करने पर अपने विचार रखे हैं.
आपको बताते चले इस्त्राइल ने शुक्रवार को ईरान में अलग-अलग जगहों पर हमले किए और कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का केंद्र इनके निशाने पर है. हालांकि की अभी बहुत सी बातो से स्थिति साफ नहीं हो पायी है. इस मामले पर ईरान की मीडिया का कहना है कि रिहायशी इलाक़ों पर भी हमला हुआ. तेहरान के उत्तर-पूर्वी इलाक़ों में भी धमाके सुने गए. हालांकि इस हमले के बाद पूरे मिडिल ईस्ट की स्थिति बहुत नाजुक हो चुकी है. आशंकाये यह जताई जा रही हैं की इस युद्ध के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा हैं.
कई देशों ने की निंदा : इस मामले पर सऊदी अरब ने कहा कि इस्त्राइल के ईरान पर हमलों की निंदा करता है. ये हमले ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करते हैं और ये अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं. वही तुर्की ने कहा इस्त्राइल को अपनी आक्रामक कार्रवाइयों को तुरंत रोकना चाहिए जो व्यापक संघर्षों को जन्म दे सकती हैं. हम मध्य-पूर्व में विनाश नहीं देखना चाहते हैं. हम युद्ध को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं.
क्या कहता हैं इस्त्राइल : ईरान में कई परमाणु केंद्र हैं. इनमें से कई पर इस्त्राइल के हमले हुए हैं. ईरान का इस मामले पर कहना है कि यह कार्यक्रम सिर्फ़ नागरिक उद्देश्यों के लिए है. जबकि संयुक्त राष्ट्र की संस्था आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) इस दावे से सहमत नहीं है. आईएईए ने औपचारिक रूप से कहा कि ईरान ने परमाणु अप्रसार समझौतों का उल्लंघन किया है. आईएईए ने कहा कि ईरान ने सभी सवालों का जवाब नहीं दिया है और अघोषित संवर्धित यूरेनियम के भंडार के बारे में स्पष्ट जानकारी भी नहीं दी है. जबकि ऐसा पहले भी कई रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने यूरेनियम को 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित कर लिया है, ये हथियार ग्रेड यूरेनियम के बेहद क़रीब है और 9 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है.
क्या विश्व युद्ध की आहट : धीरे-धीरे विकराल होते इस युद्ध के मिडिल ईस्ट के लिए एक चिंता का विषय बन चुका हैं. विश्व के कई जानकारों का कहना हैं कि अगर इस युद्ध को नहीं रोका गया तो इसकी जद में और भी कई देश आएंगे और भुखमरी जैसी समस्या देखने को मिल सकती है और इससे विश्व युद्ध होने का खतरा भी बढ़ सकता हैं. ऐसे में विशेषज्ञयो का यह भी मानना हैं की अब साइबर हमले भी बढ़ सकते हैं.
ड्रोन की अहम भूमिका : एक तरफ जहाँ इस्त्राइल ईरान में बम बरसा रहा है, तो वहीं ईरान की तरफ से ड्रोन और मिसाइलें दागी जा रही हैं. ऐसा भी माना जाता हैं कि ईरान ने ड्रोन टेक्नोलॉजी पर अधिक काम किया हैं. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि किया जाना बेहद कठिन हैं कि किन-किन जगहों पर नुकसान हुआ हैं, अगर दोनों देशों की मीडिया की बात करें तो दावा करने में बिलकुल भी पीछे नहीं हैं कि उन्होंने ज्यादा नुकसान किया हैं.
मीडिया के अनुसार ईरान के प्रमुख शहर इस्फ़हान पर भी हवाई हमले किये गए हैं. ईरान के मध्य में स्थित इस्फ़हान का कन्वर्ज़न प्लांट ईरान के परमाणु ढांचे का अहम हिस्सा है. इस्फ़हान के पास ईरान के कई बड़े सैन्य ढांचे भी हैं, जिनमें एक बड़ा एयरबेस और मिसाइल बनाने का कारखाना शामिल हैं. हालांकि इस मामले पर ईरान का कहना हैं कि इस्फ़हान की ये सभी सुविधाएं सिर्फ़ शांतिपूर्ण कामों के लिए हैं. लेकिन इस्त्राइल और कई पश्चिमी देशों को शक है कि ईरान इनका इस्तेमाल छिपकर परमाणु हथियार बनाने में कर रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस्त्राइल इमरजेंसी सर्विस मेगन डेविड अडोम (एमडीए) का कहना है कि तेल अवीव के दक्षिण में स्थित बाट यम शहर में एक इमारत पर ईरानी हमले में चार लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए हैं.