कतर के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अगर इस्त्राइल को रोकने में देरी की गई तो मध्य-पूर्व में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.

IRAN VS ISRAEL: इस्त्राइल और ईरान के बीच की जंग अब धीरे-धीरे पूरे मिडिल ईस्ट में बढ़ने की संभावनाओ के बीच कई देशों ने अपनी चिंता ज़ाहिर की है. इस मामले पर सऊदी अरब व तुर्की जैसे देशों ने अपनी चिंता ज़ाहिर करते हुए अपनी बात कही है.
क्या कहा सऊदी अरब ने : ईरान और इस्त्राइल की जंग के बीच सऊदी अरब का बयान सामने आ चुका है, सऊदी ने कहा है इस्त्राइल के ईरान पर हमलों की निंदा करता है. ये हमले ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करते हैं और ये अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन कॉल होने की जानकारी भी सामने आयी है.
क्या कहा कतर ने : कतर ने कहा कि इस्त्राइल ने ऐसा कदम तब उठाया है जब दुनिया भर के देश मध्य पूर्व में शांति बहाल करने के लिए कूटनीतिक समाधान तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं व इस्त्राइल को रोकने की अपील की है. कतर के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अगर इस्त्राइल को रोकने में देरी की गई तो मध्य-पूर्व में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
तुर्की ने ज़ाहिर की चिंता : तुर्की ने कहा इस्त्राइल को अपनी आक्रामक कार्रवाइयों को तुरंत रोकना चाहिए जो व्यापक संघर्षों को जन्म दे सकती हैं. हम मध्य-पूर्व में विनाश नहीं देखना चाहते हैं. हम युद्ध को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं.
क्या है परमाणु कार्यक्रम जिसको लेकर इस्त्राइल की चिंता : ईरान में कई परमाणु केंद्र हैं. इनमें से कई पर इस्त्राइल के हमले हुए हैं. ईरान का इस मामले पर कहना है कि यह कार्यक्रम सिर्फ़ नागरिक उद्देश्यों के लिए है. जबकि संयुक्त राष्ट्र की संस्था आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) इस दावे से सहमत नहीं है. आईएईए ने औपचारिक रूप से कहा कि ईरान ने परमाणु अप्रसार समझौतों का उल्लंघन किया है. आईएईए ने कहा कि ईरान ने सभी सवालों का जवाब नहीं दिया है और अघोषित संवर्धित यूरेनियम के भंडार के बारे में स्पष्ट जानकारी भी नहीं दी है. जबकि ऐसा पहले भी कई रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने यूरेनियम को 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित कर लिया है, ये हथियार ग्रेड यूरेनियम के बेहद क़रीब है और 9 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है.