20 साल पुराने मानहानि केस का आया फैसला, बता दें एक्टिविस्ट मेधा पाटकर (नर्मदा बचाओ आंदोलन) को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 साल…
DELHI NEWS: 20 साल पुराने मानहानि केस का आया फैसला, बता दें एक्टिविस्ट मेधा पाटकर (नर्मदा बचाओ आंदोलन) को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 साल पुराने मानहानि मामले में दोषी ठहराया है. वीके सक्सेना ने दायर की थी याचिका, मौजूदा समय में वह दिल्ली के LG हैं.
क्या था मामला : LG वीके सक्सेना ने पाटकर के खिलाफ याचिका दायर की थी, वीके सक्सेना ने आरोप लगाया था कि पाटकर ने एक टीवी इंटरव्यू में उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर कोर्ट ने पाटकर को आपराधिक मानहानि का दोषी पाया, दायर की गयी याचिका में देखते ही देखते 20 साल का समय ले लिया.
कितने साल कि सज़ा : बता दें कानून उन्हें सजा के तौर पर दो साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों हाे सकता है.
कौन हैं मेधा पाटकर? : मुबंई में जन्मी मेधा पाटकर सामाजिक कार्यकर्ता हैं, बता दें वह नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रवर्तक हैं, मेधा ने सोशल साइंस से सोशल वर्क में एमए किया है. पढ़ाई करने के बाद लोगों की सेवा करने में जुट गईं, और इसी समय वो चर्चा में आयी, वह एक अच्छी सोशल वर्कर के रूप में जानी जाने लगी, 28 मार्च 2006 को नर्मदा नदी पर बन रहे बांध के विरोध में वो भूख हड़ताल पर बैठ गईं, वह आम आदमी पार्टी से जुड़ीं व मुंबई की उत्तर पूर्व सीट से 2014 में लोकसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं. 2015 में उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी.