आपको बताते चले पतंजलि पर अखबारों में विज्ञापन देकर एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार करने का आरोप है.

SC AND PATANJALI : 24 अप्रैल को एक बार फिर अखबारों में माफीनामा छपवाया गया, आपको बताते चले इसमें भी बिना शर्त कोर्ट से माफी मांगी गई है.
क्या हैं आरोप : आपको बताते चले पतंजलि पर अखबारों में विज्ञापन देकर एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार करने का आरोप है.
24 अप्रैल को छपवाए माफीनामे में लिखा गया कि : हमसे विज्ञापनों को प्रकाशित करने में हुई गलती के लिए ईमानदारी से बिना शर्त माफी मांगते हैं. ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी. हम सावधानी के साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं.
पतंजलि आयुर्वेद ने 22 अप्रैल को माफ़ीनामा प्रकाशित किया : आपको बताते चले पतंजलि ने 22 अप्रैल को न्यूज पेपर्स में माफीनामा प्रकाशित किया था, जिसमे कहा गया कि पतंजलि आयुर्वेद सुप्रीम कोर्ट का पूरा सम्मान करता है. सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकीलों ने हलफनामा पेश किया, उसके बाद हमने विज्ञापन प्रकाशित किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हम इसके लिए माफी मांगते हैं, भविष्य में कभी ऐसी गलती नहीं दोहराएंगे.
22 अप्रैल को छपवाए माफिनामे में सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच में जस्टिस हिमा कोहली ने कहा आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, इस ऐड का भी साइज वही था? कृपया इन विज्ञापनों की कटिंग ले लें और हमें भेज दें. इन्हें बड़ा करने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को निर्देश दिया कि अगले दो दिन में वे ऑन रिकॉर्ड माफीनामा जारी करें, जिसमें लिखा हो कि उन्होंने गलती की.
इसी पर आज 24 अप्रैल को एक बार फिर पतंजलि ने माफ़ीनामा छपवाया.