बुधवार को EVM के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी VVPAT पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

SC AND VVPAT : बुधवार को EVM के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी VVPAT पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा : जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम मेरिट पर दोबारा सुनवाई नहीं कर रहे हैं. हम कुछ निश्चित स्पष्टीकरण चाहते हैं, हमारे कुछ सवाल थे और हमें जवाब मिल गए. फैसला सुरक्षित रख रहे हैं.
वकील पेश हुए : आपको बताते चले याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पेश हुए, जिसमे से प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की तरफ से थे व चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह और केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद रहे हैं.
18 अप्रैल को प्रशांत भूषण ने सुनवाई के दौरान रिपोर्ट की थी पेश : प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमे केरल में मॉक पोलिंग का उल्लेख था और इसमें यह आरोप था कि केरल में मॉक पोलिंग के दौरान भाजपा को ज्यादा वोट जा रहे थे.
18 अप्रैल को प्रशांत भूषण की रिपोर्ट पर कोर्ट ने पूछा था: भूषण की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से पूछा कि ये कितना सही है? चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि ये खबरें झूठी और बेबुनियाद है, फिर कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या वोटिंग के बाद वोटर्स को VVPAT से निकली पर्ची नहीं दी जा सकती है? चुनाव आयोग ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि वोटर्स को VVPAT स्लिप देने में बहुत बड़ा रिस्क है, इससे वोट की गोपनीयता से समझौता होगा और बूथ के बाहर इसका दुरुपयोग किया जा सकता है.