न्यायाधीश बीवी नागरत्ना ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा राज्यपालों को संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए, जिससे इस प्रकार के मुकदमेबाजी अदालत में कम हों. राज्यपालों को किसी काम को करने या न करने के लिए कहना काफी शर्मनाक है.
JUSTICE BV NAGARATHNA: सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बीवी नागरत्ना ने हैदराबाद के NALSAR यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में न्यायालयों और संविधान सम्मेलन का पांचवां संस्करण में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पंजाब के राज्यपाल का जिक्र करते हुए, उन्होंने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपालों को अनिश्चितकाल तक रोक के प्रति आगाह किया.
संविधान सम्मलेन में महाराष्ट्र के राज्यपाल का ज़िक्र : उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के बारे में भी कहा कि उनके पास फ्लोर टेस्ट की घोषणा करने के लिए पर्याप्त सामाग्री ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि किसी राज्य के राज्यपाल के कार्यों या चूक को अदालतों के समक्ष विचार के लिए लाना कानून के अनुसार स्वस्थ प्रवृत्ति नहीं है.
आगे जस्टिस नागरत्ना कहती हैं कि मुझे राज्यपाल कार्यालय से अपील करनी चाहिए कि यह एक संवैधानिक पद है. राज्यपालों को संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए, जिससे इस प्रकार के मुकदमेबाजी अदालत में कम हों. राज्यपालों को किसी काम को करने या न करने के लिए कहना काफी शर्मनाक है. राज्यपालों को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए.