चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे से राजनीतिक पार्टियां हमलावर हो गयी हैं, इसी को लेकर पर कांग्रेस ने भी अपनी चिंता जाहिर की है.
ARUN GOEL AND CONGRESS : चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे से राजनीतिक पार्टियां हमलावर हो गयी हैं, इसी को लेकर पर कांग्रेस ने भी अपनी चिंता जाहिर की है, पार्टी ने कहा है यदि स्वतंत्र संस्थानों का व्यवस्थित विनाश नहीं रोका गया, तो तानाशाही द्वारा लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया जाएगा.
लोकसभा के चुनाव की सहगर्मी के बीच इस्तीफा : गोयल ने लोकसभा चुनावों से पहले इस्तीफा दिया है, आपको बताते चले कि उनका कार्यकाल पांच दिसंबर 2027 तक था.
क्या लिखा कांग्रेस अध्यक्ष ने X पर : मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर कहा कि यह चुनाव आयोग है या चुनाव चूक. भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है. वह भी तब, जब कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है. अगर हम स्वतंत्र संस्थानों के व्यवस्थित विनाश को नहीं रोकते तो हमारे लोकतंत्र पर तानाशाही हावी हो जाएगा. ईसीआई अब गिरने वाली अंतिम संवैधानिक संस्थाओं में से एक होगी. चुनाव आयुक्तों के चयन की नई प्रक्रिया अब प्रभावी रूप से सत्तारूढ़ दल और पीएम मोदी के पास चली गईं हैं. कार्यकाल पूरा होने के 23 दिन बाद भी नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं की गई. मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए.