सरकार में वो स्थिति नहीं होंगी जो 2014 व 2019 के चुनाव के बाद दिखी थी, यानी अब मोदी सरकार को NDA के बाकी सहयोगियों से तालमेल बैठाकर करना होगा काम.
PM MODI AND NDA : PM मोदी के एक दशक तक बहुमत की सरकार चलाने के बाद अब यह पहली बार मौका होगा कि वह पूरे गठबंधन का नेतृत्व करेंगे.
कितना आसान : क्यूंकि 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अकेले बहुमत का आंकड़ा छू लिया था और पूरी सरकार की कमान बीजेपी नेतृत्व के हाथ में थी, उस समय एक ताकतवर सरकार बन कर उभरी थी और अपने डिसिज़न के लिए जानी जाती थी.
सहयोगी दल से तालमेल बैठा कर चलानी होंगी सरकार : अब सरकार में वो स्थिति नहीं होंगी जो 2014 व 2019 के चुनाव के बाद दिखी थी, यानी अब मोदी सरकार को NDA के बाकी सहयोगियों से तालमेल बैठाकर करना होगा काम, यानी हर बड़े फैसले में सहयोगी दलों की राय अब अहम मानी जाएगी.
क्या चंद्रबाबू और नीतीश का होगा दखल : राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं, अब की सरकार पहले की दो काल की सरकारों की तरह नहीं होंगी, क्यूंकि इस सरकार में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू और जदयू मुखिया नीतीश कुमार का मजबूत दखल होगा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व रखने वाले 12 सहयोगी दलों से भी तालमेल बना कर काम करना होगा.