”न्यायपालिका के कंधे चौड़े हैं और वह प्रशंसा के साथ-साथ आलोचना भी सह सकती है. लेकिन पेंडिंग मामलों और फैसलों पर वकीलों का टिप्पणी करने की आदत काफी परेशान करती है.”

CJI DY CHANDRACHUD : शुक्रवार 5 अप्रैल को भारत के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ पुणे के हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल हुए.
समारोह में कहा CJI ने : ”न्यायपालिका के कंधे चौड़े हैं और वह प्रशंसा के साथ-साथ आलोचना भी सह सकती है. लेकिन पेंडिंग मामलों और फैसलों पर वकीलों का टिप्पणी करने की आदत काफी परेशान करती है.”
वकीलों को लेकर बोले CJI : CJI कहते हैं कि वकील आम आदमी नहीं होते हैं. बार काउंसिल के पदाधिकारियों और सदस्यों को न्यायिक फैसलों पर प्रतिक्रिया देते समय यह नहीं भूलना चाहिए.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ आगे कहते हैं : बार काउंसिल एक संस्था के रूप में न्यायिक स्वतंत्रता, संवैधानिक मूल्यों और अदालत की गरिमा को बनाए रखने के लिए जरूरी है. वह कहते हैं, भारत जैसे जीवंत और तर्कशील लोकतंत्र में अधिकांश व्यक्तियों की राजनीतिक विचारधारा या झुकाव होता है.
CJI ने कोड किया महान राजनीतिज्ञ को : उन्होंने कहा आरस्तू के मुताबिक, मनुष्य राजनीतिक प्राणी हैं. इसलिए वकील भी कोई अपवाद नहीं हैं. हालांकि बार के सदस्यों के लिए किसी का सर्वोच्च हित पक्षपातपूर्ण हितों के साथ नहीं बल्कि अदालत और संविधान के साथ होना चाहिए.