अफजाल अंसारी के लिए प्रचार करेंगे या नहीं पत्रकार द्वारा पूछे गए इस सवाल पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि, मैं अफजाल अंसारी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करूंगा. कांग्रेस-सपा का गठबंधन जरूर है, लेकिन हमारे हिस्से में जो सीटें आईं हैं, हम और हमारे नेता वहीं प्रचार करेंगे.
AJAY RAI : अफजाल अंसारी के लिए प्रचार करेंगे या नहीं पत्रकार द्वारा पूछे गए इस सवाल पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि, मैं अफजाल अंसारी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करूंगा. कांग्रेस-सपा का गठबंधन जरूर है, लेकिन हमारे हिस्से में जो सीटें आईं हैं, हम और हमारे नेता वहीं प्रचार करेंगे और सपा के हिस्से में जो सीटें आई हैं, वहां सपा के नेता प्रचार करेंगे.
बनारस में कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय कौन हैं : 7 अक्टूबर 1969 को वाराणसी में जन्मे, अजय राय के करियर की शुरुआत बीजेपी की छात्र शाखा ABVP से शुरू हुई थी. अजय राय ने बीजेपी से 1996 में पहली बार कोलासला सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्होंने 9 बार के CPI विधायक उदल को को हराया था. यही से अजय राय एक चर्चा का विषय बन गए थे, इसके बाद उन्होंने 2002 और 2007 के लोकसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के अवधेश सिंह को भी हराया था. 2012 में अजय राय की राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से हुई. इस साल वह पिंडरा से विधानसभा चुनाव जीते थे. इस चुनाव में उनके सामने खड़े समाजवादी पार्टी के अखिलेश मिश्रा, जिनको राय ने 27,883 वोटों से हराया था. अजय राय वाराणसी से तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देगे, इससे पहले वह 2014 और 2019 में भी चुनाव लड़ चुके हैं, दोनों चुनाव में वह तीसरे नंबर पर थे.
कौन हैं सपा से गाज़ीपुर के उम्मीदवार अफ़ज़ाल अंसारी : पहली बार वर्ष 1985 में कम्युनिष्ट के टिकट पर मुहम्मदाबाद से विधानसभा चुनाव लड़े अफ़ज़ाल अंसारी और जीतकर विधायक बने. इसके बाद उन्होंने कई जीत अपने नाम की कई चुनाव जैसे 1989, 1991,1993 व 1996 तक अफ़ज़ाल अंसारी की जीत का सिलसिला चलता रहा. 2002 में वह अपने मज़बूत विपक्षी नेता कृष्णानंद राय (भाजपा) से विधानसभा चुनाव में हार गए. आपको बताते चले अफ़ज़ाल अंसारी ने वर्ष 1993, 1996 व 2002 का विधानसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़ा था. 2004 में सपा ने उन्हें पहली बार लोकसभा के टिकट पर संसद भेजा, अफ़ज़ाल को वर्ष 2009, 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, 2019 में अफजाल अंसारी ने सपा-बसपा गठबंधन में बसपा से चुनाव लड़कर उस समय के रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को हरा दिया था, जिसके बाद से अफ़ज़ाल अंसारी का नाम पूर्वांचल की राजनीति में बढ़ चढ़ कर लिया जाने लगा था.