जयशंकर ने कहा : दुनिया को समझना बेहद मुश्किल है, यहां कई मान्यताएं और सिद्धांत हैं, वैश्विक राजनीति में अक्सर देश अपनी सुविधा के हिसाब से अपने लिए उसूलों को चुनते हैं, फिर वे बाकी देशों पर उसका पालन करने का दबाव बनाते हैं.
JAPAN AND BHARAT : जापानी पत्रकार ने विदेश मंत्री से पूछा आप संप्रभुता के सम्मान की बात करते हैं, लेकिन भारत ने कभी भी यूक्रेन पर रूस के हमले की आलोचना नहीं की, क्या यह दोहरा रवैया नहीं है?
इस पर जयशंकर ने जवाब दिया : आजादी के ठीक बाद भारत पर हमले हुए, हमारे बॉर्डर को कई बार बदला गया, लेकिन तब कोई भी किसी उसूलों या सिद्धांतों का हवाला देते हुए हमारे साथ नहीं आया. आज भी भारत के कुछ हिस्सों पर दूसरे देशों ने कब्जा कर रखा है, लेकिन इस मुद्दे पर किसी को सिद्धांत नहीं दिखते और वो भारत का साथ देने की बात नहीं कहते हैं, जयशंकर ने कहा : दुनिया को समझना बेहद मुश्किल है, यहां कई मान्यताएं और सिद्धांत हैं, वैश्विक राजनीति में अक्सर देश अपनी सुविधा के हिसाब से अपने लिए उसूलों को चुनते हैं, फिर वे बाकी देशों पर उसका पालन करने का दबाव बनाते हैं.
जयशंकर का कहना था : आज जिन मूल्यों की बात हो रही वो 80 साल पहले गायब थे, आज भारत को कहा जाता है कि संप्रभुता जैसे मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए, लेकिन आज से 80 साल पहले ये मूल्य कहीं नजर नहीं आते थे.
एक बार फिर UNSC मे सुधार की वकालत : अपनी बात को स्वतंत्र रूप से रखे जाने वाले जयशंकर ने एक बार फिर UNSC में सुधार की मांग की है, उन्होंने कहा- आज ज्यादातर देश मानते हैं कि UNSC में बदलाव होने चाहिए, जब UN की स्थापना हुई थी, तब इसमें करीब 50 देश थे, जबकि आज 200 देश UN के सदस्य हैं, जब किसी संगठन में सदस्यों की संख्या 4 गुना बढ़ जाए तब उसका लीडर और काम करने का तरीका पुराना नहीं रखा जा सकता, विदेश मंत्री ने कहा जो देश UNSC में बदलाव नहीं चाहते हैं, वहीं इसे टालने की कोशिश कर रहे हैं.
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर जापान के दौरे पर हैं, जहाँ पर एक जापानी पत्रकार ने विदेश मंत्री से सवाल पूछे जिसका जवाब विदेश मंत्री ने बहुत ही मज़बूती के साथ रखा.