पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापनों पर रोक लगा दी हैं,कंपनी और मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया है
SC: मंगलवार को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले विज्ञापन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, जानकारी के लिए बताते चले कोर्ट ने पिछले साल कंपनी को ऐसे विज्ञापन नहीं देने का निर्देश दिया था और कंपनी ने इसको नजरअंदाज कर दिया था। इसी को लेकर कोर्ट ने पतंजलि कंपनी और मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण को अवमानना का दोषी टहराया हैं व नोटिस जारी किया है.
क्या था मामला : इस मामले में सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, इस सुनवाई के दौरान इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया, वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया.
कोर्ट ने क्या कहा : पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही हैजस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा- पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर देंगी, जबकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। पतंजलि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) एक्ट में बताई गई बीमारियों के इलाज का दावा करने वाले अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती.