समय के बदलाव के साथ आजकल नए-नए अपराध ने जन्म ले लिया हैं, कहते हैं न आधुनिक युग के इस समय के विकास के साथ अपराध ने भी विकास किया हैं, इसी में से एक सफ़ेदपोश अपराध भी हैं, शायद बहुत से लोगो ने इस तरह के अपराध के बारे में न ही सुना या पढ़ा हो पर आज हम इसी के बारे में समझने की कोशिश करने वाले हैं, तो चलिए समझते हैं क्या हैं सफेदपोश अपराध?
क्या हैं सफ़ेदपोश अपराध: सफ़ेदपोश अपराध को अगर आसान भाषा में समझने की कोशिश करे तो यह समाज के एक सम्माननीय तथा प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा उनके व्यवसाय या बिज़नेस के समय किए गए अपराध से हैं, इसमें झूठे और कपटपूर्ण विज्ञापनों द्वारा पेटेट्स, कॉपीराइट तथा ट्रेडमार्क के नियमो के उल्लंघन को शामिल किया जा सकता हैं.
कौन लोग होते हैं शामिल: आखिर सवाल उठता हैं कि यह अपराध किन लोगो द्वारा किया जाता, इसे समान्यता उद्योगपति या उच्चस्तरीय वर्ग के लोग अपने व्यावसायिक काम में लाभ कमाने के उद्देश्य से करते हैं. इसमें मुख्यतः माल के दोष या उसमे किसी प्रकार की कमी, खराबी, नकली माल को बेचना आदि शामिल किया जा सकता हैं.
ज़ब भारत ने भी अन्य देशों की तरह आर्थिक और औद्योगिक क्षेत्र में अपनी बढ़त बनाई तो यहाँ भी इन जैसे अपराध ने जन्म लिया व इसका भी वातावरण तैयार हुआ और भारत के साथ दुनिया के कई देशों में भी इसकी बढ़त देखने को मिली, इसमें निम्न प्रकार के अपराध को शामिल किया जा सकता हैं.
कालाधन: कालाधन जमा करने को सफेदपोश अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाता हैं, बता दें ये एक ऐसा धन और सम्पत्ति होती है, जिसका कोई रिकॉर्ड और हिसाब-किताब नहीं होता जो अवैध तारीको से कमाया या जमा किया जाता है. आपको यह भी बता देना चाहिए कि जरूरी नहीं होता कि यह काला धन रुपये-पैसे या नकद राशि में ही हो, यह जमीन, गहने या अन्य किसी संपत्ति के रूप में हो सकता हैं.
कर की चोरी: करदाताओं द्वारा कर देने से बच निकलने या करो की चोरी करने के कई अवसर उपलब्ध हैं. व्यापारियों, व्यावसायिक व्यक्तियों, ठेकेदारों आदि द्वारा करों की चोरी के मामले सामने आते रहते हैं. इससे करो की चोरी की राशि का काले धन के रूप में चलन होता हैं और बड़ी मात्रा में इससे सरकार को राजस्व की हानि तो होती है, जिससे देश की आर्थिक व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
कम्प्यूटर-जनित सफेदपोश क्राइम: कई वर्षो से इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सूचना प्रौद्योगिकी के विकास से प्रगति के कारण नये प्रकार के सफेदपोश अपराध सामने आए हैं, जिसको आसान भाषा में ‘साइबर अपराध’ कहा जा सकता है. साइबर अपराध ने एक विश्वव्यापी समस्या का रूप धारण कर लिया है यानी यह किसी एक देश की समस्या नहीं बल्कि पूरी दुनियां की हैं. जिसके निवारण के लिए कई देश तरह-तरह के कानून को लागू करते हैं, फिर भी यह एक विश्व स्तरीय समस्या बन चुकी हैं. इसमें मुख्य रूप से औद्योगिक जासूसी, अश्लील लैंगिक सामग्री का प्रसारण, इन्टरनेट पर धनराशि की धोखाधड़ी, बैंकिंग सेवा का दुरुपयोग आदि शामिल होती हैं. लेकिन आपको बता दें सभी प्रकार के साइबर अपराध सफ़ेदपोश अपराध की श्रेणी में नहीं आते हैं, इनमें से कुछ ही अपराध को सफ़ेदपोश अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता हैं.
इस तरह के अपराध करने वालो की जानकारी कम ही मिल पाती हैं, क्यूंकि साइबर क्राइम जैसे अपराध तो किसी और देश में बैठ कर भी किया जा सकता हैं और अपराध को अंजाम देने वाले लोग की जानकारी जुटा पाना किसी भी देश के लिए अत्यंत मुश्किल होती हैं.