संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने सबूत-आधारित आतंकवादी सूची को रोकने के लिए अपनी वीटो शक्तियों का उपयोग करने वाले देशों की कड़ी निंदा की है.

UNITED NATIONS: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने सबूत-आधारित आतंकवादी सूची को रोकने के लिए अपनी वीटो शक्तियों का उपयोग करने वाले देशों की कड़ी निंदा की है. भारत ने आगे कहा कि यह अभ्यास अनावश्यक है और आतंकवाद की चुनौती से निपटने में परिषद की प्रतिबद्धता के प्रति दोहरे दृष्टिकोण की गंध आती है.
रुचिरा कंबोज ने क्या कहा : आपको बताते चले कि भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सत्र में भाग लिया और उस सत्र में उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्वीकृत आतंकवादियों के लिए वास्तविक साक्ष्य-आधारित सूची प्रस्तावों को बिना किसी उचित औचित्य के रोकना अनावश्यक है और जब आतंकवाद की चुनौती से निपटने में परिषद की प्रतिबद्धता की बात आती है तो दोहरेपन की बू आती है.
क्या था मामला? : आपको बताते चले कि भारत और अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसपर चीन ने तकनीकी रोक लगा दी थी, आपको बता किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए सभी सदस्य देशों की सहमति की आवश्यकता होती है, जिसपर चीन ने तकनीकी रोक लगा दी थी.