सितंबर 2019 में उन्हें सीएम का सचिव बनाया गया और तब से वे सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी के तौर पर काम कर रहे हैं. अगर मुख्य सचिव के बाद दूसरे नंबर पर APC तो तीसरे न पर संजय प्रसाद को आकना कम नहीं होगा. लेकिन चर्चाओं में बने रहने की बात करें तो संजय प्रसाद पहले न पर नज़र आते हैं.

IAS SANJAY PRASAD : यूपी कैडर में सबसे ताकतवर आईएएस ऑफिसर में से एक संजय प्रसाद की चर्चा किसी से छिपी नहीं हैं. मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद आईएएस में से एक संजय प्रसाद यूपी ब्यूरोक्रेसी में जिस जगह पर हैं, वहां आज तक कोई दूसरा ब्यूरोक्रेट पहुंच नहीं पाया.
किन विभागों की हैं ज़िम्मेदारी : गृह, गोपन, सतर्कता और सूचना के साथ-साथ प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के पद पर अपनी ज़िम्मेदारी निभाने वाले संजय प्रसाद को बड़ा बॉस माना जाता हैं. उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव की कुर्सी पर एसपी गोयल यानी शशि प्रकाश गोयल बैठे हैं. अगर मुख्य सचिव के बाद दूसरे नंबर पर APC तो तीसरे नंबर पर संजय प्रसाद को आकना कम नहीं होगा. लेकिन चर्चाओं में बने रहने की बात करें तो संजय प्रसाद पहले नंबर पर नज़र आते हैं.
कैसे बने CM योगी के भरोसेमंद ऑफिसर : सीएम योगी आदित्यनाथ का उस समय गोरखपुर से सांसद के रूप में राजनीति में नया नया प्रवेश हुआ था. संजय प्रसाद ने 2002-2003 तक गोरखपुर के पड़ोसी जिले महराजगंज के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया और उसके बाद अयोध्या, बहराइच, फिरोजाबाद और आगरा जिलों के डीएम रहे. 2009 में जब मायावती मुख्यमंत्री थीं, तब उन्हें गृह विभाग का विशेष सचिव नियुक्त किया गया. सितंबर 2019 में उन्हें सीएम का सचिव बनाया गया और तब से वे सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी के तौर पर काम कर रहे हैं. साल 2022 -23 में यूपी के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह अवनीश कुमार अवस्थी की सेवानिवृत्ति और सूचना विभाग से अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत कुमार सहगल के स्थानांतरण ने आदित्यनाथ सरकार के भीतर संजय प्रसाद के दबदबे को और बढ़ा दिया.
कार्य करने का तरीका : ऐसा माना जाता हैं संजय प्रसाद अपने पद की ताकत से किसी काम को अंजाम तक नहीं पंहुचाते उनकी ताकत उनकी पारस्परिक कौशल हैं, जो उनकी दोस्ती को बढ़ाने और काम को नए तारीको से करवाने के लिए जानी जाती हैं इसलिए ऐसा माना जाता हैं हैं कि उनके हर जगह दोस्त हैं.
23 मई 1971 को बिहार के सीतामढ़ी जिले में जन्में संजय प्रसाद ने कला में स्नातकोत्तर (एमए) की उपाधि हासिल की. साल 1995 में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए 1995-1996 मंसूरी में ट्रेनिंग करने बाद 1996 आजमगढ़ में सहायक मजिस्ट्रेट और सहायक कलेक्टर (प्रशिक्षण) के दौरान पहली तैनाती मिली. संजय प्रसाद लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, बहराइच, अयोध्या, फिरोजाबाद, आगरा और प्रयागराज जैसे जिलों में जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया. इसके अलावा, उन्होंने कई विभागों में सचिव के पद पर भी अपनी जिम्मेदारियां निभाई हैं.