इंडिया गठबंधन की इन सीटों पर हैं नज़र…क्या अधिकार हैं राष्ट्रपति के पास?

234 सीटों पर अपनी पकड़ बने कर दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन बना, इस गठबंधन में कांग्रेस सबसे प्रमुख पार्टी बन कर उभरी हैं, जिसे 99 सीट हासिल हुई, इंडिया गठबंधन भी अपनी मज़बूत दावेदारी पेश कर सरकार बनाने की इच्छा रखता हैं पर सरकार बनाने के लिए कम से कम 272 सीट पर दावेदारी होनी चाहिए.

LOKSABHA 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद रस्साकस्सी का दौर शुरू हो चुका हैं और सरकार बनाने की पहल भी जारी हैं, NDA 292 सीटों के साथ सबसे बड़ा गठबंधन साबित हुआ वही सबसे बड़े दल के रूप में 240 सीटों के साथ BJP ने अपनी पकड़ बरकरार रखी.

वहीं अगर इंडिया गठबंधन की बात करे तो 234 सीटों पर अपनी पकड़ बना कर दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन बना, इस गठबंधन में कांग्रेस सबसे प्रमुख पार्टी बन कर उभरी हैं, जिसे 99 सीट हासिल हुई, इंडिया गठबंधन भी अपनी मज़बूत दावेदारी पेश कर सरकार बनाने की इच्छा रखता हैं पर सरकार बनाने के लिए कम से कम 272 सीट पर दावेदारी होनी चाहिए.

क्या चाह रहा विपक्षी इंडिया गठबंधन: NDA गठबंधन में शामिल चंद्रबाबू नायडू की TDP को इस लोकसभा में 16 सीट मिली हैं व नीतीश कुमार की JDU ने भी 12 सीट पर विजय प्राप्त की हैं, इन दोनों पार्टियों को अपने पाले में करने की जुगत में लगा हुआ इंडिया गठबंधन, अगर दोनों को तोड़ भी ले तो कितना आसान होगा बहुमत के आंकड़ो को छूना, अगर 28 सीटों को इंडिया गठबंधन में जोड़ भी लेते हैं तो 262 तक के आंकड़े पर इंडिया गठबंधन की नाव रुक जाएगी. अगर यही 28 सीट NDA से निकल जाये तो 264 सीटों के साथ उनके लिए भी सरकार बनाना मुश्किल हो जायेगा.

क्या अधिकार हैं राष्ट्रपति के पास : केवल विशेष परिस्थिति में, जब कि किसी दल को लोकसभा में बहुमत नहीं प्राप्त है, तो राष्ट्रपति अपने विवेकाधिकार का प्रयोग कर सकता है और ऐसे व्यक्ति को प्रधानमन्त्री नियुक्त कर सकता है, जो उसके अनुसार लोकसभा के बहुमत का विश्वास प्राप्त करने की स्थिति में हो और एक स्थायी सरकार बना सके. ऐसी परिस्थिति का भारत में, जहाँ बहुदलीय प्रणाली है, उत्पन्न होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है.

पर संविधानवेत्ताओं का विचार है कि ऐसी परिस्थिति में भी राष्ट्रपति को अपने स्वविवेक के प्रयोग का कम अवसर प्राप्त होगा, क्योंकि उसे कुछ मान्य परम्पराओं के अनुसार कार्य करना होगा. संविधान में इसके लिए कोई स्पष्ट उपबन्ध नहीं है.

कुछ सिद्धान्त हमारे पास आये हैं. आवश्यकता केवल इस बात की है कि उन्हें हम स्वीकार करें.

(1) चुनाव के पहले बने संविद या गठबन्धन के नेता को.

(2) सदन में सबसे बड़े दल के नेता को.

(3) चुनाव के पश्चात् बने गठबन्धन के नेता को.

(4) मन्त्रिमण्डल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास होने पर विपक्ष के नेता को

क्या नीतीश व नायडू बने हैं किंग मेकर : अगर दोनों की सीट को जोड़ लिया जाये तो यह 28 सीट, अगर NDA के साथ ही रहती हैं तो वह सरकार में मज़बूत हस्ताक्षेप बनाये रखेंगे, अगर देखा जाये इन्हीं सीटों पर नज़र गड़ाए बैठी इंडिया गठबंधन इनको किंग मेकर बनाती हैं.

MOHAMMAD TALIB KHAN

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top