आप वोटिंग के दिन शाम को अपना वोट डालने पोलिंग बूथ पर जाते हैं, तभी वहां बैठे अधिकारी आपसे कहते हैं कि आपका वोट तो डाला जा चुका है.

TENDER VOTING: दोस्तो आज हम ऐसी वोटिंग के बारे में बात करेंगे जो ईवीएम के बजाय लिफाफे में बंद होकर काउंटिंग के लिए भेजी जाती है. जिसे मुख्य रूप सें टेंडर वोटिंग कहा जाता है. आज हम बात करेंगे टेंडर वोटिंग के बारे में इसे कब और क्यों दिया जाता हैं.
कब इस्तेमाल होता हैं टेंडर वोटिंग : इसे उदाहरण के माध्यम सें समझते हैं, मान लीजिए कि आप वोटिंग के दिन शाम को अपना वोट डालने पोलिंग बूथ पर जाते हैं, तभी वहां बैठे अधिकारी आपसे कहते हैं कि आपका वोट तो डाला जा चुका है. ऐसे में आप टेंडर वोटिंग के जरिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं.
कैसे करें टेंडर वोटिंग का प्रयोग : इसके लिए सबसे पहले आपको पोलिंग बूथ पर मौजूद पीठासीन अधिकारी के पास अपना पहचान पत्र लेकर जाना होगा, उनसे आपको बताना होगा कि आपने वोट नहीं डाला है, वो चाहे तो आपसे कुछ सवाल कर सकते हैं और कुछ दस्तावेज मांग सकते हैं. फिर आपको वोट डालने की इजाजत दे दी जाएगी. लेकिन आप ईवीएम पर वोट नहीं दे सकते, इसके लिए प्रावधान हैं कि बैलेट वोटिंग करनी होगी. इसी प्रक्रिया को टेंडर वोटिंग कहा जाता है. फिर पीठासीन अधिकारी इसे एक लिफाफे में सील कर देंगे और एक बक्से में रखेंगे.