हिंदू मैरिज एक्ट की बात करें तो उसके तहत पति या पत्नी के जीवित रहते या बगैर तलाक लिए दूसरी शादी करना अपराध है. धारा 17 के अनुसार, यदि कोई भी पति या पत्नी के जीवित रहते……
TWO WIFES LAW : भारतीय कानून एक व्यक्ति को दो शादी की अनुमति नहीं देता है. हिन्दू लॉ के अनुसार अगर कोई व्यक्ति बिना तलाक के दूसरी शादी कर लेता है, तो उसे अपराध माना जाता हैं. कानून के अनुसार शादीशुदा व्यक्ति को पति या पत्नी के जिंदा रहने के दौरान बिना तलाक के दूसरी शादी करने की अनुमति नहीं है.
घर छोड़ देने की स्थिति में : अगर किसी स्थिति में घर को छोड़ दिया गया हैं, और तालाक नहीं लिया हैं. तो दोनों यानी पति और पत्नी लीगल तौर पर एक दूसरे के साथ बंधन में बंधे होंगे और सरकार की तरफ से मिलने वाली सभी सुख और सुविधाओं में पति या पत्नी की भागीदारी होंगी या यूं कहे पति या पत्नी लीगल तौर पर सारा हक़ पा सकेगे.
लापता होने की स्थिति में : लापता होने की स्थिति में कंडीशन्स कुछ और कहती हैं, अगर उन दोनों यानी पति और पत्नी में से कोई एक लापता हो जाता है, 7 साल तक नहीं मिलता है, तो उसके बाद दूसरी शादी की जा सकती है.
हिंदू विवाह अधिनियम 1955 : अगर हिंदू मैरिज एक्ट की बात करें तो उसके तहत पति या पत्नी के जीवित रहते या बगैर तलाक लिए दूसरी शादी करना अपराध है. धारा 17 के अनुसार, यदि कोई भी पति या पत्नी के जीवित रहते या बिना तलाक लिए दूसरी शादी करता है तो सात साल की जेल हो सकती है. आईपीसी की धारा 494 में इसका प्रावधान किया गया है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ : मुसलमानो पर मुस्लिम पर्सनल लॉ लागू होता है. मुस्लिमों में पुरुषो को चार निकाह करने की इजाजत है, जब चार में से किसी एक पत्नी से तलाक हो जाये या किसी एक पत्नी की मौत हो चुकी हो तो पांचवां निकाह कर सकता हैं.