तुर्की की सेना ने साइप्रस के मशहूर शहर वरोशा पर आक्रमण कर अपने नियंत्रण में ले लिया था. तुर्की ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर 1974 पर हमला कर कब्ज़ा कर लिया था.

TURKEY AND CYPRUS : साइप्रस क्षेत्र रणनीतिक रूप से अहम माना जाता हैं, आपको बताते चले इस क्षेत्र पर कई देश नज़र गड़ाए बैठे रहते हैं, इसमें से एक तुर्की भी है, बताते चले साइप्रस में मुख्य रूप से ग्रीस और तुर्की समुदाय के लोग ही रहते हैं. और इनके बीच बहुत समय से नस्ली विवाद चल रहा है. बता दें फिलहाल यहाँ कोई नहीं रहता है.
तुर्की ने 1974 में किया था आक्रमण : तुर्की की सेना ने साइप्रस के मशहूर शहर वरोशा पर आक्रमण कर अपने नियंत्रण में ले लिया था. तुर्की ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर 1974 पर हमला कर कब्ज़ा कर लिया था, उसी समय साइप्रस में सैन्य विद्रोह हुआ था, इस सैन्य विद्रोह को ग्रीस का समर्थन था. तुर्की का ग्रीस के साथ समुद्र क्षेत्र में पहले से ही विवाद चल रहा था.
तुर्की ने तैनात की भारी सेना : उत्तरी साइप्रस पर कब्जे के बाद तुर्की ने अपनी सेना के लगभग 35 हज़ार सैनिकों को इस क्षेत्र में तैनात कर रखा है और उसे टर्किश रिपब्लिक ऑफ नॉर्दर्न साइप्रस का नाम दे दिया है.
क्यों हैं महत्वपूर्ण : भूमध्यसागरीय द्वीप साइप्रस तुर्की के दक्षिण में है और इसके पश्चिम में सीरिया और उत्तर पश्चिम में इस्त्राइल मौजूद हैं, अब यह इलाका रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो जाता हैं, इसीलिए इस द्वीप पर कई देशों की नज़र बनी रहती हैं, यानी भूमध्य सागर के पूर्वी भाग पर एक तरह से वर्चस्व की यह लड़ाई बनी रहती हैं, इसके उत्तरी क्षेत्र पर तुर्की व दक्षिण भाग यूरोपियन यूनियन का सदस्य है.