विवाहित जोड़े की संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है, आपको बताते चले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक पति का पत्नी के ‘स्त्रीधन’ पर कोई नियंत्रण नहीं होता.

SC : विवाहित जोड़े की संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है, आपको बताते चले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक पति का पत्नी के ‘स्त्रीधन’ पर कोई नियंत्रण नहीं होता.
पीठ ने की सुनवाई : आपको बताते चले मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने की और सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पत्नी के ‘स्त्रीधन’ पर पति का नियंत्रण मामले पर अहम टिप्पणी की.
क्या कहा अदालत ने : अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि संकट के समय पति पत्नी के स्त्रीधन का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन संपत्ति लौटाना उसका नैतिक दायित्व है, इसी को लेकर अदालत ने 25 लाख रुपये लौटाने का निर्देश दिया.
क्या था महिला का आरोप : महिला के आरोप के अनुसार, पति और उसकी सास ने अपनी पुराने कर्जों का निपटारा करने के लिए उसके गहनों का दुरुपयोग किया, महिला ने दावा किया था कि शादी के समय उसके परिवार ने उसे 89 सोने के सिक्के उपहार में दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्त्रीधन पत्नी और पति की संयुक्त संपत्ति नहीं है, सुप्रीम कोर्ट कहा कि पति के पास मालिक के रूप में ऐसी संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता. कोर्ट ने बताया कि किसी महिला को शादी से पहले, शादी के समय या विदाई के समय या उसके बाद उपहार में दी गई संपत्तियां स्त्रीधन संपत्तियां हैं. यह महिला की पूर्ण संपत्ति है. उसे अपनी खुशी के अनुसार इनका निपटान करने का पूरा अधिकार है. पति का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है.