फ्रांस के संविधान में संशोधन के माध्यम से एक नया अनुच्छेद जोड़ा गया और अब फ्रांस में अबॉर्शन यानी गर्भपात महिलाओं का संवैधानिक अधिकार बन गया.

ABORTION AND FRANCE: अबॉर्शन के कानूनी अधिकार की मांग के बीच फ्रांस ने अपने संविधान में बदलाव किये हैं, आपको बताते चले फ्रांस के संविधान में एक नया अनुच्छेद जोड़ा गया और अब फ्रांस में अबॉर्शन यानी गर्भपात महिलाओं का संवैधानिक अधिकार बन गया है, यानी उदहारण के माध्यम से समझें तो भारत में जिस तरह संविधान में समानता व स्वतंत्रता का अधिकार मिला हुआ हैं, उसी तरह फ्रांस के संविधान में अब महिलाओ को अबॉर्शन का संविधानिक अधिकार मिल गया हैं.
कई देशों में अबॉर्शन लीगल हैं : आपको बताते चले दुनिया के कई देशों में अबॉर्शन लीगल है, लेकिन दुनियां के लिए देखने वाली बात यह हैं कि फ्रांस दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने अबॉर्शन को कानूनी दर्जे से ऊपर उठकर उसे महिलाओं के संवैधानिक अधिकार का दर्जा दिया है. देखने वाली बात यह होगी कि और कितने देश फ्रांस को देखते हुए अपने संविधान में इस तरह का संशोधन करते हैं.
संशोधन के लिए वोट : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्रांसीसी संविधान संशोधन में 780 वोट इसके समर्थन में पड़े व 72 वोट खिलाफ में पड़े, 80 फीसदी से ज्यादा पब्लिक वोट इस बदलाव के समर्थन में थे.
क्या कहा फ्रांस के प्रधानमंत्री ने : फ्रांस के प्रधानमंत्री गेब्रियल एटल ने कहा, “यह शरीर सिर्फ आपका है. किसी और को ये अधिकार नहीं कि वह इसे कंट्रोल करे या इस बारे में फैसला ले.” यह बात उन्होंने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कही.