सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि क्या उत्तर प्रदेश में मायावती कांग्रेस का हाथ थामेंगी, सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अभी भी इस प्रयास में है कि उनके इस गठबंधन में मायावती साथ रहें, हालांकि न तो मायावती और न ही कांग्रेस की ओर से इस पर कोई आधिकारिक जानकारी साझा की गई है.

CONGRESS AND BSP : उत्तर प्रदेश के साथ अब पूरे देश के सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि क्या उत्तर प्रदेश में मायावती कांग्रेसी गठबंधन में साथ आएंगी या नहीं, इस बात की चर्चा अब मीडिया घरानो में भी शोर पकड़ रही है, अगर सूत्रों की मानें कांग्रेस अभी भी इस प्रयास में है कि उनके इस गठबंधन में मायावती का भी साथ मिले, पर आपको बताते चलें कि न तो मायावती और न ही कांग्रेस की ओर से इस पर कोई आधिकारिक जानकारी साझा की गई है, लेकिन सूत्र तो कुछ और ही बताते हैं गठबंधन में शामिल करने के लिए कांग्रेस और बसपा के नेताओं के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है.
राजनैतिक जानकारों का कहना है कि प्रियंका गांधी और मायावती की लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर टेलीफोन पर बातचीत भी हो चुकी है, इस बातचीत में सोनिया गांधी की अहम भूमिका बताई जा रही हैं, वहीं जानकारों का कहना है कि कांग्रेस मायावती को बतौर प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर भी प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर सकती है, सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी, मायावती से गठबंधन के पक्ष में सबसे ज्यादा हैं, प्रियंका गांधी को इस बातचीत का जिम्मा मिला है, कांग्रेस दलित चेहरे को बतौर प्रधानमंत्री आगे रखना चाहती है, इसमें एक नाम मल्लिकार्जुन खरगे और दूसरा नाम मायावती का है.
इसीलिए कयास यह लगाए जा रहें हैं कि समाजवादी पार्टी भी अपनी बाकी सीटें घोषित नहीं की जा रही हैं, जानकारी के लिए बताते चलें समाजवादी पार्टी की तरफ से 20 फरवरी को आखिरी बार सीट घोषित गई थी, विश्लेषकों द्वारा कयास यही लगाए जा रहे हैं कि गठबंधन में मायावती भी शामिल होने वाली है.
राजनीतिक विश्लेषक नरेंद्र कुशवाहा कहते : सियासी नजरिए से सपा, बसपा और कांग्रेस का गठजोड़ उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण हो सकता है, उनका मानना है कि अगर ऐसा होता है कि बसपा गठबंधन में आकर चुनाव लड़ती है, तो उत्तर प्रदेश में सियासी लड़ाई रोचक हो सकती है, आगे कहते हैं कि यह बात कांग्रेस को भी भली भांति पता है कि अगर बहुजन समाज पार्टी उनके साथ आती है, तो मुस्लिम और दलितों का बटने वाला वोट गठबंधन के हिस्से आ सकता है.
राजनैतिक जानकारों का कहना है कि अगर बसपा कांग्रसी गठबंधन का साथ थामेगी तो एनडीए को एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता हैं, और यह लड़ाई उ0प्र0 में एनडीए के लिए एक बड़ी चुनौती का रूप ले सकती है, इंडिया गठबंधन में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इस वक्त साथ में है जिसमें कांग्रेस पार्टी को समाजवादी पार्टी ने 17 सीटें दी हैं सवाल यह खड़ा होता है कि पार्टी ने अभी तक एक भी सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. सपा ने 29 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है पर बाकी बची सीटों प्रत्याशी नहीं उतारें है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस हाई कमान ने फिलहाल यूपी में प्रत्याशियों की घोषणा के लिए इंतजार करने को कहा गया हैं. सूत्र के अनुसार आचार संहिता लागू होने के बाद बड़ खबर मिल सकती है.