एक बार फिर सत्ता दल और विपक्ष में रार देखने को मिल सकती हैं, एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर टकराव हो सकता है.

LOKSABHA PRESIDENT : एक बार फिर सत्ता दल और विपक्ष में रार देखने को मिल सकती हैं, एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर टकराव हो सकता है. इस मामले को लेकर विपक्ष का कहना हैं कि संख्या बल को देखते हुए उसको कम से कम डिप्टी स्पीकर का पद मिले. इन चर्चाओं में स्पीकर का पद और भी अहम हो जाता हैं, वैसे तो साधारणता चलन रहा हैं स्पीकर भी सत्ता पक्ष का रहता हैं, पर कही विपक्ष भी स्पीकर के पद के लिए नज़र तो नहीं गड़ाए हैं?
क्या कहता हैं संविधान : संविधान के अनुच्छेद 93 में लोकसभा अध्यक्ष के बारे में बताता हैं, आपको बता दें ज़ब नई लोकसभा की पहली बैठक होती हैं, लोकसभा अध्यक्ष का पद खाली होता हैं. नियम के अनुसार संसद सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति नवनिर्वाचित सांसदों को उनके पद की शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करते हैं.
सिंपल बहुमत : आपको बता देते हैं कि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव सिंपल बहुमत से होता है. यानी कि सदन में मौजूद आधे से ज्यादा सदस्यों द्वारा लोकसभा के अध्यक्ष बनने के लिए किसी एक उम्मीदवार को वोट करना होता है.