सरकार की तरफ से दाखिल की गयी याचिका में कहा गया है कि कई मामलों में CBI जांच कर रही है, वह भी बिना हमारी मंजूरी लिए, बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट में कहती हैं….

SUPREME COURT: बंगाल में कई केसों की CBI जांच कर रही हैं, जिस पर दाखिल ममता सरकार की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
बंगाल सरकार ने याचिका में कहा : सरकार की तरफ से दाखिल की गयी याचिका में कहा गया है कि कई मामलों में CBI जांच कर रही है, वह भी बिना हमारी मंजूरी लिए, बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट में कहती हैं कि हमने अपने राज्य में केसों की CBI जांच की मंजूरी वापस ले ली है, इसी को लेकर केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बंगाल में एक भी केस केंद्र सरकार ने दाखिल नहीं किया है, CBI ने केस रजिस्टर किए हैं.
बंगाल सरकार ने दिया आर्टिकल 131 का हवाला : बता दे बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के आर्टिकल 131 का हवाला दिया व साथ में याचिका दाखिल की, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का जिक्र है, और इसके मुताबिक केंद्र और राज्यों के बीच के मामलों की सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में की जाती है.
क्या कहा तुषार मेहता ने : सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से सुनवाई करते हुए कहा कि, “संविधान का आर्टिकल 131 सुप्रीम कोर्ट के मिले सबसे पवित्र अधिकारों में से एक है. इसका गलत इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए. जिन केसों की बात बंगाल सरकार कर रही है, उसमें से एक भी केस केंद्र ने रजिस्टर नहीं किया है.”
क्या हैं भारतीय संविधान का आर्टिकल 131: अनुच्छेद-131 कहता हैं कि सर्वोच्च न्यायालय को भारत के संघीय ढाँचे की विभिन्न इकाइयों के बीच किसी विवाद पर आरंभिक अधिकारिता की शक्ति प्रदान करता है, जैसे: केंद्र तथा एक या अधिक राज्यों के बीच विवाद, केंद्र और कोई राज्य या राज्यों का एक ओर होना व एक या अधिक राज्यों का दूसरी ओर होना सम्बंधित विवाद हो या अधिक राज्यों के बीच विवाद हो.