DELHI CM : क्या चलाई जा सकती हैं, जेल से सरकार?

क्या भारतीय राज्य का कोई CM जेल से सरकार चला सकता हैं? या एक सवाल और भी, ज़ब तक दोष साबित न हो क्या तब तक जेल से सरकार चलायी जा सकती हैं? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब विशेषज्ञ तलाशने में जुटे हुए हैं.

भारत में गिरफ़्तारी तो बहुत लोगो की होती रहती हैं, पर क्या कभी किसी सिटिंग CM की गिरफ़्तारी हुई हैं, वैसे कई मामले ऐसे आ चुके हैं, जैसे- झारखण्ड के CM हेमंत सोरेन या बिहार के CM लालू यादव का मामला, पर इन सब ने गिरफ़्तारी से पहले ही अपना इस्तीफा सौप दिया था, पर दिल्ली के CM की गिरफ़्तारी के मामले में नया पेंच सामने आया है, क्यूंकि गिरफ़्तारी के बाद भी दिल्ली के CM केजरीवाल पद पर बने हुए हैं और अब सवाल खड़ा हो चुका हैं, क्या जेल से सरकार चलाई जा सकती हैं? वर्तमान दिल्ली की स्थिति में राजनीतिक व संविधानिक जानकारों के लिए एक नया चैलेंज खड़ा हो गया हैं.

क्या था मामला : 21 मार्च, 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और वो ऐसे पहले मुख्यमंत्री हो गए, जिन्हें कुर्सी पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया. इससे पहले कई मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुए, लेकिन जेल जाने से पहले उन्होंने अपनी कुर्सी किसी न किसी को सौंप दी थी. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री मामले में अब नया सवाल खड़ा हो चुका हैं कि क्या कोई CM जेल से सरकार चला सकता हैं? या एक सवाल और भी, ज़ब तक दोष साबित न हो क्या तब तक जेल से सरकार चलाई जा सकती हैं? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब विशेषज्ञ तलाशने में जुटे हुए हैं.

CPC की धारा 135 : किसी राज्य की विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य की गिरफ्तारी के लिए विधानसभा सत्र या अधिवेशन आदि शुरू होने से 40 दिन पहले और खत्म होने के 40 दिन बाद तक विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, यह केवल सिविल मामलो में लागू होता हैं.

CRPC की धारा 70 : कोर्ट द्वारा जारी किया गया गिरफ़्तारी वारंट लिखित रूप में न्यायालय के पीठसीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होता हैं, न्यायलय की मुहर के साथ जारी किया जाता हैं, जो किसी भी प्रकार की छूट नहीं देता, क्यूंकि यह एक क्रिमिनल मामला होता हैं, इसका मतलब यह हैं क्रिमिनल मामलो में किसी भी प्रकार की छूट नहीं होती.

एक बात तो साफ हैं, गिरफ़्तारी से छूट केवल सिविल मामलो में हैं, क्रिमिनल मामलो में किसी प्रकार की छूट नहीं मिलती और सवाल फिर वही खड़ा होता हैं, क्या गिरफ्तार किया हुआ CM अपने पद के सारे कार्य कर सकता हैं? इस मामले में क्यूंकि मुख्यमंत्री का दोष सिद्ध नहीं हुआ हैं और इस तरह का कोई नियम नहीं हैं, जो बताता हो किसी राज्य का मुख्यमंत्री जेल से सरकार चला सकता हैं या नहीं ज़ब कि अभी उसका दोष सिद्ध नहीं हुआ हैं.

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 : लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में कुछ अपराधों के लिए अयोग्यता के प्रावधान किए गए हैं, लेकिन जो व्यक्ति पद पर है, उसे अयोग्य ठहराने के लिए उसकी दोषसिद्धि अनिवार्य है.

किन स्थितियों में मुख्यमंत्री पद छोड़ता हैं : कई स्थिति हैं, जिससे मुख्यमंत्री अपना पद छोड़ते हैं, विधानसभा में बहुमत का समर्थन खोने पर उसे पद से हटना पड़ता है या सरकार के खिलाफ एक सफल अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से उसे अपने पद से हटना पड़ता है.

MOHAMMAD TALIB KHAN

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