USA and China: अमेरिकी सदन मे एक विधेयक पास हुआ हैं जिस पर सदन के दोनों पार्टी ने समर्थन दिया हैं, इस विधेयक के माध्यम से चीन पर दबाव बनाना हैं कि वह दलाई लामा और तिब्बत से बात करे और अपने सभी मुद्दों को हल करे, संभावना यह जताई जा रही हैं कि चीन इस बिल से नाराज़ हो सकता हैं.
चीन-तिब्बत विवाद : चीन का कहना है कि तिब्बत, चीन का हिस्सा है। तिब्बत के लोग का कहना हैं कि तिब्बत कई शताब्दियों से स्वतंत्र राष्ट्र रहा है। चीन दावा करता रहता है कि 18वीं शताब्दी में तिब्बत चीन के आधिपत्य में आया और 19वीं शताब्दी तक चीन के अधीन रहा। फिर उसके बाद ब्रिटेन ने तिब्बत पर हमला कर उसे चीन से अलग कर दिया।
साल 1950 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बताते तिब्बत पर कब्जे की कोशिश शुरू कर दी। साल 1951 में तिब्बत सरकार से चीन के हिस्से के रूप में मान्यता देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कराए गए और चीन ने तिब्बत में अपनी सत्ता स्थापित कर ली।
तिब्बत के लोगों ने 1959 में चीन के खिलाफ विद्रोह किया, बड़ी संख्या में तिब्बती लोग मारे गए और तिब्बत के सर्वोच्च धार्मिक नेता दलाई लामा समेत हजार से ज्यादा लोगों को भारत और अन्य देशों में निर्वासित होना पड़ा।