प्रसिद्ध पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने लैगिग भेदभाव को खत्म करने के लिए बहुत ही अच्छा कदम उठाया था, एक ऐसी रुलबुक तैयार की है, जिसमें ऐसे शब्दों को चिन्हित करके उनसे परहेज करने की सलाह दी गई है. जिससे दलीलों के साथ अन्य कानूनी प्रक्रिया के दौरान लैंगिंग भेदभाव न हो या उससे बचा जा सके.

DY CHANDRACHUD : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ द्वारा आधिकारिक आवास खाली न किए जाने पर सख्त रुख अपनाया हैं. कार्यकाल के दौरान उन्हें नई दिल्ली स्थित 5 कृष्ण मेनन मार्ग पर टाइप-8 श्रेणी का आधिकारिक आवास आवंटित किया गया था, जो मुख्य न्यायाधीश का आधिकारिक निवास होता है. लेकिन रिटायरमेंट के बावजूद उन्होंने आधिकारिक आवास खाली नहीं किया.
मंत्रालय को लिखा पत्र : सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर चंद्रचूड़ से तत्काल बंगला खाली करवाने का अनुरोध किया है. पत्र में कहा गया है कि नए न्यायाधीशों को आवास आवंटन में परेशानी हो रही है, अतः चंद्रचूड़ से तत्काल बंगला खाली करवाया जाए. हालांकि, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट प्रशासन से अनुरोध कर 5 कृष्ण मेनन मार्ग वाले बंगले में 30 अप्रैल 2025 तक रहने की अनुमति प्राप्त की थी. मई तक बंगले में अनुमति मिलने के बाद अब वह समयसीमा भी समाप्त हो चुकी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने मंत्रालय को पत्र लिखकर चंद्रचूड़ से तत्काल बंगला खाली करवाने का अनुरोध किया है.
कौन हैं चर्चित पूर्व CJI चंद्रचूड़ : चर्चित पूर्व CJI धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था, इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी देश के सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. वह सुप्रीम कोर्ट के अलावा कई हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अपने जजमेंट के लिए प्रसिद्ध पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने लैगिग भेदभाव को खत्म करने के लिए बहुत ही अच्छा कदम उठाया था, एक ऐसी रुलबुक तैयार की है, जिसमें ऐसे शब्दों को चिन्हित करके उनसे परहेज करने की सलाह दी गई है. जिससे दलीलों के साथ अन्य कानूनी प्रक्रिया के दौरान लैंगिंग भेदभाव न हो या उससे बचा जा सके.
करियर का सफर : 10 नवंबर 2024 को रिटायर्ड होने वाले पूर्व CJI मुख्य रूप से बॉम्बे हाईकोर्ट और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वकालत के लिए जाने जाते थे. इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, हार्वर्ड लॉ स्कूल, येल लॉ स्कूल और दक्षिण अफ्रीका के विटवाटरसैंड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में व्याख्यान दिए है.
न्यायाधीश का सफर : 29 मार्च 2000 को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने वाले जस्टिस चंद्रचूड़ बॉम्बे हाईकोर्ट पहुँचे, जिसके बाद 31 अक्टूबर 2013 को पूर्व जस्टिस चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और पूर्व CJI चंद्रचूड़ को 13 मई 2016 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया.