शर्मिष्ठा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड एक्टर्स की चुप्पी को लेकर एक वीडियो अपलोड किया था, इसी दौरान उन्होंने एक धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी. जिसको लेकर रविवार को उनकी गिरफ़्तारी हुई है.

MANAN KUMAR MISHRA: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने रविवार को इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पानोली की गिरफ्तारी पर गहरी नाराज़गी जतायी हैं. उन्होंने साफ तौर पर न्यायिक हिरासत को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला” और “न्याय प्रणाली की पूर्ण विफलता” बताया.
क्या हैं मामला : आपको बता दें शर्मिष्ठा सोशल मीडिया इन्फेलुएनसर के साथ लॉ की छात्रा हैं. जानकारी के मुताबिक शर्मिष्ठा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड एक्टर्स की चुप्पी को लेकर एक वीडियो अपलोड किया था, इसी दौरान उन्होंने एक धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी. जिसको लेकर रविवार को उनकी गिरफ़्तारी हुई है. यह गिरफ़्तारी किसी सोशल मीडिया की पोस्ट को लेकर कोलकाता के गार्डनरीच थाने की पुलिस ने की थी. हालांकि वह वीडियो बाद में डिलीट कर दिया गया था और उन्होंने तुरंत माफी भी मांगी थी
क्या कहा बार कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष ने : लॉ छात्रा की गिरफ़्तारी पर उन्होंने कहा कि केवल शब्दों के अनुचित चयन को ईशनिंदा नहीं कहा जा सकता और एक युवा छात्रा को बलि का बकरा बनाकर कठोर कानूनी कार्रवाई का सामना कराना, जबकि सरकार प्रायोजित व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा अतीत में विशेष समुदायों पर हुए अत्याचारों को नज़रअंदाज़ किया गया, “अविवेकपूर्ण” है. वह कहते हैं कि सच्चा लोकतंत्र निष्पक्षता, संयम और सभी को समान अधिकारों की रक्षा की मांग करता है, न कि चयनात्मक आक्रोश और प्रतिशोध की. उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस से अपील की कि वे “चयनित आवाज़ों को निशाना बनाने की इस खतरनाक राह” को छोड़ें और सभी के लिए कानून का शासन सुनिश्चित करें. साथ ही उन्होंने मांग की कि शर्मिष्ठा को तुरंत रिहा किया जाए, निष्पक्ष मुकदमा सुनिश्चित किया जाए, और राज्य की न्याय व्यवस्था में लंबे समय से चली आ रही दोहरी नीतियों का अंत हो.