दी गयी चुनौती यूएपीए में संशोधनों पर केंद्रित हैं जो राज्य को व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने, संपत्तियों को जब्त करने और सख्त जमानत प्रतिबंध लगाने का अधिकार देती हैं.

UAPA: न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने सरकार को अपना हलफनामा तैयार करने के लिए समय दिया है. दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स ने दी चुनौती : फाउंडेशन के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि इस कानून ने पत्रकारों को काफी प्रभावित किया है, जिनमें से कई वर्तमान में यूएपीए के तहत कैद हैं. आपको बताते चले दी गयी चुनौती यूएपीए में संशोधनों पर केंद्रित हैं जो राज्य को व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने, संपत्तियों को जब्त करने और सख्त जमानत प्रतिबंध लगाने का अधिकार देती हैं.
इस मामले को यूएपीए की धारा 10 को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, तर्क इस बात का भी दिया जाता रहा है कि संशोधन सरकार को आतंकवाद से लड़ने की आड़ में असहमति को रोकने की अनुमति देता है, जो एक लोकतांत्रिक समाज में प्रतिकूल है. फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है.