इसकी शुरुआत 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी. उसी समय अमेरिकन संसद ने अहम फैसला लिया और इसे संसद में कानून के रूप में पास करके हर साल मई महीने के दूसरे संडे को मदर्स डे मनाने का फैसला अनिवार्य रूप ले किया.
MOTHERS DAY: मई महीने के दूसरे रविवार को विश्व भर में मदर्स डे मनाया जाता है. यह एक त्यौहार के रूप में मां को समर्पित होता हैं, बता दें इस बार यह 12 मई को मनाया जा रहा हैं, वैसे तो माँ की अहमियत सबसे ऊपर होती हैं, केवल दों शब्द लिखकर उसको बयां नहीं की जा सकती हैं. क्योंकि मां ही वो इंसान है, जो जन्म देने से लेकर हर सुख-दुख में अपने बच्चे के साथ हमेशा खड़ी रहती है.
कैसे हुई शुरुआत : बता दें मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिकन महिला एना जॉर्विस ने की थी. अगर इसे औपचारिक रूप देने की बात की जाये तो, इसकी शुरुआत 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी. उसी समय अमेरिकन संसद ने अहम फैसला लिया और इसे संसद में कानून के रूप में पास करके हर साल मई महीने के दूसरे संडे को मदर्स डे मनाने का फैसला अनिवार्य रूप ले किया, तभी से मदर्स डे मनाया जाने लगा. आपको बता दें तभी से अमेरिका, यूरोप और भारत सहित कई देशों में मदर्स डे मनाया जाने लगा.
अमेरिकन महिला की कहानी : अमेरिकन की एक महिला एना जॉर्विस को अपनी मां से बहुत प्यार करती थी. उनकी मां की मृत्यु के बाद उन्होंने शादी न करने के फैसले के साथ अपना सारा जीवन अपनी माँ के नाम करने का फैसला किया और उन्होंने इस दिन के लिये ऐसी तारीख चुनी कि वह उनकी मां की पुण्यतिथि यानी 9 मई के आस-पास ही पड़े. इसी के साथ इसकी शुरुआत विश्व के कई देशों में भी हुई, यूरोप में इस दिन को मदरिंग संडे के नाम से जानते है, बहुत से ईसाई समुदाय से जुड़े लोग इस दिन को वर्जिन मेरी के नाम से भी पुकारते हैं.