राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त सौगातों और सुविधाओं का वादा करने के चलन के खिलाफ एक जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई गयी.

SUPREME COURT: लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों की मुफ्त सौगातो का वादा शुरू हो चुका हैं इसी को लेकर उच्चतम न्यायालय ने चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त सौगातों और सुविधाओं का वादा करने के चलन के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गयी थी, बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई गयी.
क्या कहा गया हैं PIL में : सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह ऐसे राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने और चुनाव चिह्न जब्त करने के अपने अधिकारों का उपयोग करे. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने बुधवार को कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है. हम इसे कल लेंगे.’’
आपको बताते चले यह याचिका वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की थी, जिनकी ओर से वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने दलील दी, सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया की दलीलों पर संज्ञान लिया कि याचिका पर लोकसभा चुनाव से पहले सुनवाई की जरूरत है. याचिका में कहा गया कि मतदाताओं से अनुचित राजनीतिक लाभ पाने के लिए लोक-लुभावन घोषणाओं पर पूरी तरह प्रतिबंध होना चाहिए क्योंकि ये संविधान की अवहेलना करते हैं और इस मामले में निर्वाचन आयोग को उचित कदम उठाने चाहिए.