भारतीय नवउद्यम कम्पनियों को पारदर्शिता और नैतिक आचरण के लिए स्व-नियमकीय परिस्थितिकी तंत्र का पालन करना चाहिए, क्यूंकि किसी भी कीमत पर मूल्यांकन बढ़ाने की कोशिश कुशासन की राह पर ले जाती है.
AMITABH KANT: अमिताभ कांत ने सोमवार को स्टार्टअप महाकुम्भ के कार्यक्रम में कहा कि भारतीय नवउद्यम कम्पनियों को पारदर्शिता और नैतिक आचरण के लिए स्व-नियमकीय परिस्थितिकी तंत्र का पालन करना चाहिए, क्यूंकि किसी भी कीमत पर मूल्यांकन बढ़ाने की कोशिश कुशासन की राह पर ले जाती है. आगे वह कहते है कि अगर भारत एक जीवन्त स्टार्टअप आंदोलन खड़ा करना चाहता है, तो कोई नियमकीय हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, क्यूंकि कि सरकारी विनियमन आने से नवोन्मेषण पर लगाम लगती है.
स्टार्टअप महाकुम्भ के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आगे कहते हैं कि भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप परिस्थितिकी तंत्र बनाने में सक्षम रहा है और अगले 5 वर्षो में इसे दुनिया के स्टार्टअप का सिरमौर बनाना देश के लिए चुनौती है.
कौन हैं अमिताभ कांत : आपको बताते चले अमिताभ कांत नें भारत में हुई G20 की अहम बैठक में शेरपा का पद ग्रहण किया था, भारत की G20 में दिखी महत्वपूर्ण डिप्लोमेसी में अमिताभ कांत की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती हैं.