सिटिजन राइट्स ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मार्च 2018 से अप्रैल 2019 के बीच 4,002 करोड़ रुपये के 9,159 बॉन्ड बेचे गए हैं, इसका भी खुलासा किया जाना चाहिए.
ELECTORAL BOND: चुनावी बांड से सम्बंधित चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बांड से सम्बंधित एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी हैं, बताते चले सिटिजन राइट्स ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मार्च 2018 से अप्रैल 2019 के बीच 4,002 करोड़ रुपये के 9,159 बॉन्ड बेचे गए हैं, इसका भी खुलासा किया जाना चाहिए. याचिका में एसबीआई को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वह 1 मार्च 2018 से 11 अप्रैल 2019 तक बेचे गए और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड के विवरण साझा करे. जिसमें अल्फान्यूमेरिक नंबर, खरीद की तारीख, मूल्यवर्ग, दाताओं और दलों के नाम शामिल हैं.
क्या कहा था सर्वोच्च न्यायालय ने : सर्वोच्च न्यायालय ने हालही में एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द किया. सर्वोच्च अदालत ने गुमनाम चुनावी चंदे को असंवैधानिक करार दिया. इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को इस योजना के तहत चुनावी बॉन्ड का विवरण चुनाव आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था.
SBI ने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया : चुनावी बांड के मामले मे SBI के चेयरमैन दिनेश कुमार की ओर से दाखिल हलफ़नामे मे कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार योजना से जुड़ा पूरा ब्यौरा निर्वाचन आयोग को सौप दिया गया हैं, आपको बताते चले पूरा ब्यौरा दो पीडीएफ फ़ाइल मे निर्वाचन आयोग को दिया गया था.
SBI ने बताया कि 1 अप्रैल 2019 से 15 फ़रवरी 2024 के बीच कुल 22217 चुनावी बांड जारी किये गए हैं, और इनमे से राजनीतिक दल की तरफ से 22030 बांड को भुनाया गया हैं और बाकी शेष बचे 187 बांड को भुनाकर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में जमा कराया गया हैं.
नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में : इसी को लेकर एक नई याचिका में एसबीआई को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वह 1 मार्च 2018 से 11 अप्रैल 2019 तक बेचे गए और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड के विवरण साझा करे. जिसमें अल्फान्यूमेरिक नंबर, खरीद की तारीख, मूल्यवर्ग, दाताओं और दलों के नाम शामिल हैं.