छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने की अहम टिप्पणी, बता दें कोर्ट ने कहा कि विवाह से पहले किसी भी पक्ष द्वारा बीमारी को छिपाना धोखा है.

MARRIAGE: विवाह के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने की अहम टिप्पणी, बता दें कोर्ट ने कहा कि विवाह से पहले किसी भी पक्ष द्वारा बीमारी को छिपाना धोखा है और यह शादी को रद्द करने का कारण बनता है. महिला द्वारा याचिका शादी के बाद तलाक के लिए लगाई गई थी.
क्या हैं महिला का आरोप : महिला ने याचिका दायर कर कहा कि उसके पति ने अपनी मिर्गी की बीमारी की बात छिपाकर शादी की थी. इस मामले को लेकर महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने युवक द्वारा बीमारी छिपाकर विवाह करने को क्रूरता माना और हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए इसके साथ ही पत्नी के विवाह विच्छेद की मांगी गई अनुमति को स्वीकार कर लिया हैं. साथ ही हाई कोर्ट ने दो महीने के भीतर स्त्रीधन को लौटाने का आदेश दिया है.
क्या कहा बेंच ने : जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने कहा, “यह निश्चित रूप से महिला के वैवाहिक जीवन में यातना के समान हैं. यह हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत क्रूरता की श्रेणी में आता है.”