सुप्रीम कोर्ट में EVM को हटाने के सम्बन्ध में बहस के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रशांत भूषण से पूछा कि अब आप क्या चाहते हैं?

SUPREME COURT : चुनाव के लिए EVM की जगह अब मतपत्रों के के रूप में छिड़े बदलाव को लेकर बहस के बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैलट पेपर पर लौटने से भी कई नुकसान हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण से पूछा आप क्या चाहते हैं : सुप्रीम कोर्ट में EVM को हटाने के सम्बन्ध में बहस के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रशांत भूषण से पूछा कि अब आप क्या चाहते हैं?
प्रशांत भूषण ने कहा : प्रशांत भूषण ने SC का जवाब देते हुए कहा कि पहला बैलेट पेपर पर वापस जाएं. दूसरा फिलहाल 100 फीसदी VVPAT मिलान हो. इसी पर अदालत ने कहा कि देश में 98 करोड़ वोटर हैं, आप चाहते हैं कि 60 करोड़ वोटों की गिनती हो, फिर प्रशांत भूषण ने कहा कि बैलेट से वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है या वीवीपैट मे जो पर्ची है उसे मतदाताओं को दिया जाए.
प्रशांत भूषण ने दी दलीले : प्रशांत भूषण ने SC में बहस के दौरान कहा कि वीवीपैट की पर्ची मतदाताओं को देने की मांग के साथ-साथ, मतदाता उसे एक बैलेट बॉक्स मे डाल दे. अभी जो वीवीपैट है, उसका बॉक्स ट्रांसपेरेंट नहीं है. सिर्फ सात सेकेंड के लिए पर्ची वोटर को दिखाई देती है.
जस्टिस दीपांकर दत्ता ने प्रशांत भूषण से पूछा : आपने कहा कि अधिकांश मतदाता ईवीएम पर भरोसा नहीं करते? आपको यह डेटा कैसे मिला? प्रशांत भूषण ने इसका जवाब देते हुए कहा कि एक सर्वेक्षण हुआ था. जस्टिस दत्ता ने कहा हम इस निजी सर्वेक्षणों पर विश्वास नहीं करते, इन तमाम बहस के बाद अगली सुनवाई गुरूवार 18 अप्रैल को होगी.