राजनीतिक विज्ञापनों पर बीते तीन महीने में मार्च तक खर्च लगभग 100 करोड़ रुपये पहुंचा, यह एक बड़ा खर्चा माना जा रहा, पिछले साल से तुलना की जाये तो यह 11 करोड़ रुपये से नौ गुना अधिक है.
GOOGLE ADVERTISEMENT : लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलो ने कमर कस ली हैं और वह हर उस कोशिश के लिए तैयार हैं, जो उनको चुनाव में बढ़त दें. जैसा कि पता हैं कि निर्वाचन आयोग ने बीते शनिवार को चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है और लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में कराये जाने का प्रावधान हैं. केंद्र पर काबिज़ होने के लिए सभी दल अपनी अपनी ज़ोर आजमाइश लगाए हुए हैं और चुनाव में बढ़त बढ़ाने के लिए नये नये पैतरे आज़माने में लगे हुए हैं, उसी में से एक हैं, गूगल एडवरटाईसमेन्ट.
गूगल पर बढे विज्ञापन की संख्या : लोकसभा के चुनाव को देखते हुए सभी दलों ने चुनाव के प्रचार प्रसार को लेकर गूगल के माध्यम से विज्ञापन पर खर्च बढ़ा दिया है. जानकारी के लिए आपको बताते चले कि राजनीतिक विज्ञापनों पर बीते तीन महीने में मार्च तक खर्च लगभग 100 करोड़ रुपये पहुंच चुका है और यह एक बड़ा खर्चा माना जा रहा हैं, अगर इसकी तुलना पिछले साल से की जाये तो यह 11 करोड़ रुपये से नौ गुना अधिक है. पिछले तीन महीनों के आकड़ो पर नज़र डाले तो गूगल पर राजनीतिक विज्ञापनों का औसत खर्च वर्ष 2019 के बाद से सबसे अधिक रहा है और इसमें शामिल हैं सर्च, डिस्प्ले, यूट्यूब और जीमेल पर दिखाए गए विज्ञापनों से आया पैसा.
गूगल के आंकड़ो के अनुसार : आंकड़ो के अनुसार जनवरी के बाद से अब तक भारतीय जनता पार्टी ने सबसे अधिक विज्ञापन दिया है और अगर आंकड़ों पर नज़र डाले तो बीजेपी ने गूगल के माध्यम से विज्ञापन पर 30.9 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. कांग्रेस ने केवल 18.8 लाख रुपये ही खर्चे हैं.